शारदा सहायक समादेश(एक परिचय)
इस समादेश के प्रथम चरण में शारदा सहायक नहर प्रणाली के अन्तर्गत आने वाले प्रदेश के 14 जनपदों में सिचांई विभाग द्वारा सृजित सिचंन क्षमता 14.38 लाख हेO थी, जिसके सापेक्ष वर्ष 1988-89 तक 13.44 लाख हेO क्षेत्र का आच्छादन किया गया। वर्ष 1988-89 मे शारदा नहर प्रणाली के अन्तर्गत 11 जनपदों का 12.70 लाख हेO सृजित सिचंन क्षमता के सापेक्ष वर्ष 2006-07 तक 9.01 लाख क्षेत्र आच्छादित किया जा चुका है। शेष में कार्य प्रगति पर है। वर्ष 1998-99 से इस समादेश के अन्तर्गत सरयु नहर प्रणाली फेज-1 में प्रदेश के 7 जनपदों के 1.86 लाख हेO क्षेत्र को सम्मिलित किया गया, जिसके सापेक्ष वर्ष 2004-05 तक 0.83 लाख हेO क्षेत्र आच्छादित किया गय है।
वर्ष 2003-04 में इस प्रणाली में से सरयु पम्प कैनाल के अन्तर्गत अवशेष अनाच्छादित 0.09 लाख हेO क्षेत्र को भारत सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार इस वित्तीय वर्ष मे सम्मिलित नहीं किया गया है। सरयु नहर प्रणाली में वर्ष 2006/07 तक 1.16 लाख हेक्टेयर आच्छादित किया गया है। शेष में कार्य प्रगति पर है।
वर्ष 2001-02 में इसी समादेश के अन्तर्गत देवकली तथा नारायनपुर पम्प कैनाल में प्रदेश के 4 जनपदों क 1.38 लाख हेO क्षेत्र इस कार्यक्रम में सम्मिलित किया गया, जिसके सापेक्ष वर्ष 2006-07 तक 0.09 लाख हेO क्षेत्र आच्छादित किया जा चुका है, शेष में कार्य प्रगति पर है।
रामगंगा कमाण्ड परियोजना में अवशेष 2.01 लाख हेक्टेयर क्षेत्र विभिन्न कारणों से कार्य अयोग्य है, तुमरिया नहर के अन्तर्गत नैनीताल (उधमसिंह नगर) हरिद्वार का 0.32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र उत्तराचंल में चले जाने के कारण परियोजना क्षेत्र में सम्मिलित नहीं है।
जमरानी बांध परियोजना भारत सरकार के आदेश संO 13.15.2000 सीOढ्OडीO दिनांक 5.10.2000 द्वारा बन्द की जा चुकी है।
समादेश क्षेत्र विकास कार्यक्रमों से आच्छादित जनपद
शाहजहांपुर
पीलीभीत
लखीमपुर खीरी
सीतापुर
हरदोई
रायबरेली
लखनऊ
बाराबंकी
बहराइच
गोण्डा
सिद्धार्थनगर
गोरखपुर
बलरामपुर
चन्दौली
गाजीपुर
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