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Important Data
आई.डब्लू.एम.पी. योजना के आयाम :
1. माइक्रो वाटरषेड्स का निर्धारण तथा स्टेट पर्सपेक्टिव एण्ड स्ट्रैटेजिक प्लान (एस0पी0एस0पी0) उत्तर प्रदेष में रिमोट सेंसिंग एजेंसी द्वारा प्रत्येक जनपद के माइक्रो वाटरषेड्स निर्धारित कर कोडवार मानचित्र उपलब्ध कराए गए हैं जिसके आधार पर उत्तर प्रदेष की स्टेट र्सपेक्टिव एण्ड स्ट्रैटेजिक प्लान (एस0पी0एस0पी0) तैयार कर भारत सरकार से अनुमोदित कराई जा चुकी है और तदनुसार ही वाटरषेड विकास परियोजनाओं के चयन से लेकर निष्पादन तक का कार्य संपन्न किया जा रहा है।
एस0पी0एस0पी0 के अनुसार उत्तर प्रदेष के आच्छादित/आच्छादन हेतु अवषेष माइक्रोवाटरषेड्स का विवरण अध्याय 1 के अंत में दियागया है।
2. आई.डब्लू.एम.पी. परियोजना क्षेत्र/माइक्रो वाटरषेड क्लस्टर का चयन/निर्धारण आई0डब्लू0एम0पी0 परियोजना क्षेत्र/माइक्रोवाटरशेड के क्लस्टर, का चयन भी स्वतंत्र जल ग्रहण क्षेत्र अवधारणा के आधार पर किया जाना चाहिए। इसके अंतर्गत सामान्यतः 1000 से 5000 हैक्टेयर तक के ओैसत आकार के वाटरषेड (भू-जलीय ईकाई) का चयन किया जा सकता है। पहाड़ी/दुर्गम भू-भाग वाले क्षेत्रों में छोटे आकार की परियोजनाएं चयनित की जा सकती है। उचित होगा कि आई0डब्लू0एम0पी0 परियोजना क्षेत्र/माइक्रोवाटरशेड क्लस्टर सबवाटरशेड अथवा मिनी वाटरशेड क्षेत्र हो और यह क्षेत्र एक बहु-स्तरीय शिखर से घाटी (रिज से वैली) की ओर क्रमबद्ध रूप में हो। आई.डब्लू.एम.पी. परियोजना के चयन तथा प्राथमिकता निर्धारण में भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्धारित निम्नलिखित अधिमानित मापदण्डों (Weightage Criterian) को व्यापक रूप से उपयोग में लाया जाना चाहिएः-
3 वाटरशेड परियोजनाओं के चयन के लिए मानदण्ड
* पेयजल की अत्यधिक कमी।
* भू-जल संसाधनों की अत्यधिक कमी।
* ब्ंजर भूमि/अपघटित भूमि (Degraded Land) की अधिकता।
* पहले ही विकसित/सुधार किए जा चुके किसी अन्य वाटरशेड के साथ निकटता व निरंतरता (Contiguity)
* स्वैच्छिक रूप से योगदान करने, सामान्य सम्पत्ति संसाधनों को बांटने के लिए समान सामाजिक विनियमों को लागू करने, लाभों का समान वितरण करने तथा सृजित की गई परिसमपत्तियों के संचालन एवं रखरखाव हेतु व्यवस्थांए करने के लिए ग्रामीण समुदाय की सहमति होना।
* अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों का अनुपात।
* परियोजना का क्षेत्र सुनिश्चित सिंचाई के अंतर्गत शामिल नहीं होना चाहिए।
* भूमि की उत्पादन क्षमता।